Wednesday, February 1, 2012

Judgment of Hon'ble Supreme Court of India


मा० सुप्रीम कोर्ट का आदेश निसंदेह सराहनीय है, इससे भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ जनता प्रभाबी कार्यवाही कर सकेगी.उक्त समाचार ०१ फरवरी २०१२ के दैनिक जागरण एवं हिंदुस्तान समाचार में प्रकाशित है.

Tuesday, January 31, 2012

आखिर इसके लिए दोषी कोंन है? इस समस्या से निपटने के लिए शासन को चाहिए की वह हमें संशाधन प्रदान करें.

देनिक जागरण की दिनांक 30 जनवरी २०१२ की खबर आखिर इसके लिए दोषी कोंन है? इस समस्या से निपटने के लिए शासन को चाहिए की वह हमें संशाधन प्रदान करें.

Sunday, February 27, 2011

विधिक सहायता समिति

विधिक सहायता समिति


कार्यालय - ५०, अरुणा नगर एटा जिला एटा उ० प्र० पिन २०७००१


निःशुल्क विधिक सहायता (लीगल ऐड ) समिति ग्यारह वर्षों से कार्यरत एक लोक कल्याणकारी संस्था हैं, जिसका काम लोगों को हर संभब विधिक सहायताएँ प्रदान करना एवं कराना तथा उनके विवादों को सुलह समझोता से निपटाना है। ऐसी अवस्था में समिति का यह भी दायित्व हैं कि समिति वह सभी कार्य करे , जिससे लोगों में परस्पर वन्धुता कायम रहे। इन कार्यो को करने के लिये समिति को कई प्रकार की शाश्कीय एवं न्यायिक अनुमतियाँ मिली हुई हैं । जिनमें " पारिवारिक महिला लोक अदालत " होल्ड करने के लिए रास्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली , माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद , उ० प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सर्कुलर निर्देश के क्रम में मिली संस्तुति उल्लेखनीय है। इस समिति को " उ० प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण , लखनऊ ने लोगों के सुलह समझोंतो के आधार पर निपटाए गए विवादों की लोक अदालत में डिक्री बनबाने की अनुमति प्रदान की है। वहीं इस समिति की सेवाओं का उचित उपयोग करने के माननीय राज्य सूचना आयोग, लखनऊ के आदेश को भी संवंधित अधिकारियो के मध्य आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा हैं। जो की सभी शासकीय आदिकारियों द्वारा समादर योग्य हैं। समिति के कार्यों को द्रस्तिगत रखते हुए शासकीय भावना2 के अनुरूप इस समिति के चेयरमेन सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री रमेश कुमार कुल्श्रेस्थ , समिति सचिव डॉक्टर अरुण कुमार उपाध्याय एवं आय व्यय निरीचक श्री कृष्ण प्रभाकर को लोक अदालत एवं स्थायी लोक अदालत न्यायपीठ का सदस्य नियुक्त किया गया। वहीं उत्तर प्रदेश शासन , न्याय विभाग ने समिति सचिव डॉक्टर अरुण कुमार उपाध्याय को विशेष न्यायिक मजि० पद पर नियुक्त करने के संवंध में बारह शासनादेश / पत्र मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद को भेजे हैं ।
" लीग सर्विस अथ्योरितिज एक्ट १९८७ " के अंतर्गत बनाए गए " जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (कारोवार का संव्यवहार व अन्य उपबंध ) विनियावली के विनियम ३ (१) (घ) के प्रावधानानुसार समिति को धरा ८९ सी० पी० सी० व माननीय उच्चतम न्यायलय नई दिल्ली की विधि व्यबस्थाओं के अंतर्गत जनपद न्यायलय में विचाराधीन वादों को सुलह - समझोतों के आधार पर निपटाने की अनुमति मिली हुई हैं , जिन्हें सम्बंधित जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा अपने अधीनस्थ न्यायाधिकारियों के मध्य प्रसारित भी कराया हैं ।


समिति द्वारा किये जा रहे कार्यों व् दिए जा रहे विवाह प्रमाण पत्रों एवं प्राकृतिक चिकित्सक प्रमाण पत्र आदि पर रोक लगाने वाले मूलवाद संख्या -४२/२०१० को समिति की मान्यताओ व अनुमातिओं व आधिकारों का अवलोकन करने के पश्चात न्यायलय श्रीमान सिविल जज (जू० दि०) एटा ने ख़ारिज कर दिया हैं । जोकि समिति की बेधता का प्रमाण हैं।
  1. प्रक्रियाओ एवं जांचों के उपरांत शासन एवं प्रशानिक व न्यायिक अधिकारिओ ने इस समिति को अनुमतियाँ प्रदान की हैं । जिनका जनहित में उपयोग करने के लिए आपका स्वागत हैं।
    उत्तर प्रदेश शासन , न्याय विभाग द्वारा इस समिति व इसके सचिव के सम्बन्ध में जारी शासनादेश / पत्र :-
    १- ४५१८ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ०२-०१-२००६ ।
    २-४१२ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ०३ -०३ -२००६
    ३-८३८ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ०८ -०५ -२००६
    ४-१०१० / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ३१ -०५ -२००६
    ५-१०९५ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित २६ -०६ -२००६
    ६-१८६१ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ३० -०८ -२००६
    ७-२७०३ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित १९ -१०-२००७
    ८-३०३०/ सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित २३ -११ -२००७
    ९- २७२९ / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ०३-०९ -२००८
    १०-३३४० / सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित १६-०१-२००९
    ११-सी० ऍम० २७२/ सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित २४-०२ -२००९
    १२-६३/ सात- न्याय -२-०५ -२०१ जी /९५ टी० सी० दिनांकित ३०-०३-२००९
    आयुक्त, अलीगढ मंडल, अलीगढ के कार्यालय के पत्रांक :-
    १- ३५५/ शि० लि० दिनांक २३ सितम्बर २००९
    २- ३७१/ शि० लि० दिनांक १४ अक्टूबर २००९
    ३- ३७६/ शि० लि० दिनांक २६ अक्टूबर २००९
    ४- ३०२/ शि० लि० दिनांक २८ दिसम्बर २०१०
    डेपुटी० आई० जी0 aligarh renj ke sercular
    1- coah-ac-3-vividh-09/5349 dated may 21,2009.
    2-coah-ac-3-vividh-09/14170 dated 07.12.2009.